डीएसपी के गनमैन द्वारा पत्नी की हत्या का मामला, डीएसपी सहित पांच पुलिसकर्मी बनाए आरोपी

रियाणा के हिसार में हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में जींद के तत्कालीन डीएसपी कप्तान सिंह के गनमैन द्वारा कथित रूप से पिस्तौल से गोली मारकर अपनी पत्नी की हत्या के मामले में सोमवार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अमित सहरावत की अदालत ने सुनवाई हुई।

इस दौरान जींद के तत्कालीन डीएसपी कप्तान सिंह सहित पांच पुलिस कर्मचारियों को आरोपी बनाया गया।

अदालत ने पांचों आरोपियों को 8 फरवरी को अदालत में पेश होने के लिए समन जारी किया है। आरोपियों में डीएसपी के अलावा शहर थाना के तत्कालीन प्रभारी सब इंस्पेक्टर विनोद कुमार, जांच अधिकारी एएसआई रविंद्र, डीएसपी का दूसरा गनमैन कांस्टेबल कुलदीप, जींद के पुलिस असलहा इंचार्ज ईएसआई सतीश कुमार शामिल हैं।

अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता एडवोकेट मनमोहन राय व हरदीप कुमार ने बताया कि अब डीएसपी सहित पांचों आरोपियों को इस मामले में जमानत करवानी पड़ेगी। मामले की सुनवाई के दौरान आरोपियों को अदालत में पेश होना होगा।

शिकायतकर्ता ने याचिका दायर कर सबूतों को नष्ट करने के आरोप में एक सेवानिवृत्त पुलिस अधीक्षक, दो डीएसपी सहित नौ पुलिस कर्मचारियों और एक शराब ठेकेदार को आरोपी बनाने की मांग की थी। इसके बाद अदालत ने जांच एजेंसी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। इसके बाद सोमवार को हुई बहस के बाद समन जारी किया गया।

याचिका में कहा कि शिकायतकर्ता व उसके परिजनों को पोस्टमार्टम से पहले मृतका रिंकू का शव नहीं देखने दिया गया। डीएसपी कप्तान सिंह व सेवानिवृत्त एसपी जसवंत सिंह लांबा की मौजूदगी में शिकायतकर्ता को धमकाकर कई कागजों पर हस्ताक्षर करवाए। इसके बाद अदालत के आदेश पर हुई दोबारा जांच के बाद प्रस्तुत किए गए सप्लीमेंटरी चालान से स्पष्ट हो चुका है कि डीएसपी कप्तान सिंह ने वारदात में प्रयोग किया गया पिस्तौल व खाली खोल गायब करवाया था।

पुलिस ने पिस्तौल को बना दिया था सोटा
एफआईआर के अनुसार जींद के तत्कालीन डीएसपी कप्तान सिंह के गनमैन कांस्टेबल विक्रम ने 16 अप्रैल, 2020 को हिसार में अपनी पत्नी रिंकू की हत्या कर दी थी। जांच के बाद जांच अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि आरोपी ने अपनी पत्नी की हत्या मोगरा/सोटा (हैवी वुडन लॉग) से की थी। मृतका की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतका के सिर पर दो प्रवेश घावों का और दो निकास घावों का जिक्र है। 19 मई, 2020 को प्राप्त हुई एफएसएल रिपोर्ट में इन घावों को गोली लगने के घाव बताए। इसके अलावा मेडिकल बॉर्ड ने 12 सितंबर, 2020 व 21 नवंबर, 2020 को दो बार अपनी राय दी और मौत का कारण गोली लगना बताया। बावजूद इसके पुलिस सोटे पर ही अड़ी रही।

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