अल्ताफ के निशाने पर था राम मंदिर. एटीएस के सामने आतंकी ने उगले गहरे राज, कारगिल के बाद खाई थी कसम

 लखनऊ। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद पहली रामनवमी के अवसर पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई बड़ी वारदात कराकर प्रदेश की शांति-व्यवस्था को छिन्न-भिन्न करने की फिराक में थी।

लोकसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच आतंकी घटना से दूसरे राज्यों में भी अशांति फैलाने की गहरी साजिश को भी नकारा नहीं जा रहा है।

आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने नेपाल सीमा से घुसे दो पाकिस्तानियों समेत तीन आतंकियों को गिरफ्तार कर आईएसआई के षड्यंत्र को ध्वस्त किया है। पकड़े गए तीनों आरोपियों को आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के कैंप से प्रशिक्षण भी दिलाया गया था। दोनों पाकिस्तानी नागरिक दुबई से काठमांडू (नेपाल) आए थे।

नेपाल से आईएसआई एजेंट की मदद से भारत-नेपाल की सोनौली सीमा से शेख फरेंदा गांव होते हुए भारत में घुसे थे। एक दिन पूर्व खुफिया एजेंसियों की सूचना पर एटीएस की गोरखपुर यूनिट ने तीनों को दबोचा था और लखनऊ लाकर उनसे पूछताछ की गई।

कारगिल युद्ध के बाद चला गया था पाकिस्तान

एडीजी कानून-व्यवस्था अमिताभ यश ने बताया कि सादिकाबाद, रावलपिंडी (पाकिस्तान) निवासी मो. अल्ताफ भट, इस्लामाबाद (पाकिस्तान) निवासी सैय्यद गजनफर व श्रीनगर निवासी नासिर अली को गिरफ्तार किया गया है। तीनों आतंकी घटना की साजिश के चलते घुसे थे। तीनों से मिली जानकारियों के आधार पर आगे की छानबीन कराई जा रही है।

अल्ताफ ने पूछताछ में बताया कि उसका जन्म कश्मीर में हुआ था। कारगिल युद्ध के बाद वह हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों के संपर्क में आया था और पाकिस्तान चला गया था। जहां हिजबुल मुजाहिदीन के मुजफ्फराबाद कैंप में जिहाद व असलहे चलाने का प्रशिक्षण लिया। उसकी शुरू से इच्छा थी कि कश्मीर पाकिस्तान का हिस्सा हो। इस मकसद का पूरा करने के लिए वह आईएसआई से जुड़ गया था और भारत में आतंक फैलाने के षड्यंत्र में शामिल था।

सलीम के संपर्क में था नासिर

अल्ताफ ने कैंप में लंबा समय बिताया था और हिजबुल मुजाहिदीन के कई कमांडरों के सीधे संपर्क में आ गया था। उसे एक कमांडर ने ही उसे नेपाल भेजा था। अल्ताफ के साथ ही गजनफर भी नेपाल आया था, जो आईएसआई एजेंट नासिर का मामा है। नेपाल में नासिर ने अल्ताफ व गजनफर को फर्जी भारतीय आधार कार्ड उपलब्ध कराए थे।

नासिर की ही मदद से दोनों शेख फरेंदा गांव के रास्ते प्रदेश में आए थे। कश्मीर निवासी नासिर वाट्सएप के माध्यम से आईएसआई हैंडलर सलीम के सीधे संपर्क में था। उत्तर प्रदेश के रास्ते दोनों पाकिस्तानी आतंकियों को जम्मू-कश्मीर ले जाए जाने की बात भी सामने आई है।

एटीएस ने तीनों के विरुद्ध विधि विरुद्ध क्रियाकलाप अधिनियम, धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। तीनों के कब्जे से तीन आधार कार्ड, दो पाकिस्तानी व एक भारतीय पासपोर्ट, दो फोन, सात डेबिट व क्रेडिट कार्ड, फ्लाइट के दो टिकट, एक पाकिस्तानी डीएल के अलावा नेपाल, भारत, बांग्लादेश व यूएस की मुद्रा बरामद हुई है।

कई भेद खुलने बाकी, आज से पुलिस रिमांड पर शुरू होगी पूछताछ

एटीएस अधिकारियों का कहना है कि तीनों को आईएसआई हैंडलर किश्तों में सूचनाएं देते थे, जिससे उनकी साजिश की पूरी जानकारी इन तीनों को भी न हो सके। तीनों का आगे कहां और किन लोगों से संपर्क होना था, इसे लेकर छानबीन की जा रही है।

आतंकी हमले के षड्यंत्र की कई कड़ियां खुलना अभी बाकी हैं। एटीएस ने तीनों को गुरुवार को लखनऊ स्थित विशेष कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया है। कोर्ट ने तीनों की शुक्रवार सुबह 10 बजे से छह दिनों की पुलिस रिमांड स्वीकृत की है। एटीएस उन्हें रिमांड पर लेकर नए सिरे से पूछताछ करेगा।

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