भारत में CAA लागू होने के बाद अमेरिका ने क्या प्रतिक्रिया दी?

भारत में नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए को लागू करने का नोटिफिकेशन जारी हो चुका है. उसके बाद से ही अब ये देशभर में लागू हो गया है. विपक्ष सीएए के खिलाफ विरोध कर रहा है तो वहीं अब इस पर अमेरिका ने भी प्रतिक्रिया दी है.

अमेरिका ने गुरुवार को कहा कि वह भारत में सीएए की अधिसूचना को लेकर चिंतित है और इसके कार्यान्वयन पर बारीकी से नजर रख रहा है. अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने अपनी डेली ब्रीफिंग में संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए यह बात कही है.

मैथ्यू मिलर ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान पूछे गए सवाल के जवाब में कहा है कि इस अधिनियम को कैसे लागू किया जाएगा इस पर अमेरिका की नजर है. उन्होंने कहा है कि धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान और सभी समुदायों के लिए कानून के तहत समान व्यवहार मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांत हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन का बयान ऐसे समय में भी आया है जब हिंदू अमेरिकी समूहों ने भारत में सीएए के लागू होने का स्वागत किया है.

पाक ने CAA को भेदभाव करने वाला बताया

अमेरिका से पहले पाकिस्तान ने भी सीएए को लेकर बयान दिया है. पाकिस्तान ने कानून को भेदभावपूर्ण करार दिया है. पाकिस्तान विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने कहा है कि यह कानून लोगों के बीच उनकी आस्था के आधार पर भेदभाव करता है. उन्होंने आरोप लगाया कि सीएए कानून गलत धारणा पर आधारित हैं कि भारत के मुस्लिम देशों में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार किया जा रहा है.

भारत सरकार ने कहा मुसलमानों से लेना-देना नहीं

भारत सरकार ने इसी हफ्ते 11 मार्च को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 लागू किया. जिससे 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता मिलेगी. कानून को लेकर बढ़ते विरोध के बीच सरकार ने एक प्रेस बयान जारी कर कहा कि भारतीय मुसलमानों को चिंता करने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि सीएए उनकी नागरिकता को प्रभावित नहीं करेगा. इसका उस समुदाय से कोई लेना-देना नहीं है. भारत सरकार का कहना है कि सीएए नागरिकता देने के बारे में है और देश के किसी भी नागरिक की इससे नागरिकता नहीं जाएगी.

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