यमन में हूतियों का अचानक हमला, यूएन के नौ कर्मचारियों के अलावा अन्य लोगों को भी बंधक बनाया

ढ़ते वित्तीय दबाव और अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन से हवाई हमलों का सामना कर रहे हूती विद्रोहियों ने संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के कम से कम नौ यमनी कर्मचारियों को अस्पष्ट परिस्थितियों में बंधक बना लिया हैअधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सहायता समूहों के लिए काम करने वाले अन्य लोगों को भी बंधक बनाए जाने की आशंका है।

यह घटना ऐसे समय में हुई है जब हूती विद्रोहियों ने गाजा पट्टी में इस्राइल-हमास युद्ध को लेकर लाल सागर गलियारे में जहाजों को निशाना बनाया है। इस समूह ने घरेलू स्तर पर भी असहमति के खिलाफ कार्रवाई की है, जिसमें हाल ही में 44 लोगों को मृत्युदंड देना शामिल है। क्षेत्रीय अधिकारियों ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा कि संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों में काम करने वाले जिन कर्मचारियों को बंधक बनाया गया है। उनमें संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार एजेंसी, इसके विकास कार्यक्रम, विश्व खाद्य कार्यक्रम के कर्मचारी तथा विशेष दूत के कार्यालय में काम करने वाला व्यक्ति शामिल है।

चार प्रांतों में रखे बंधक
सभी बंधकों को हूतियों के कब्जे वाले चार प्रांतं (अमरान, होदेइदा, सादा और सना) में रखा गया है। बंधक बनाए एक कर्मचारी की पत्नी को भी विद्रोहियों ने पकड़ रखा है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कर्मचारियों को बंधक क्यों बनाया गया है। संयुक्त राष्ट्र ने इस खतरनाक कार्रवाई की कड़ी निंदा की है। यह यूएन कर्मियों को मिले अंतरराष्ट्रीय विशेषाधिकारों और प्रतिरक्षा कानून का उल्लंघन है। इसे हम दमनकारी, अधिनायकवादी, ब्लैकमेलिंग प्रथा मानते हैं।

ठोस ईंधन वाली फलस्तीनी मिसाइल का प्रक्षेपण किया
यमन के हूती विद्रोहियों ने अपने शस्त्रागार में एक नई, ठोस ईंधन वाली मिसाइल का प्रदर्शन कर उसका प्रक्षेपण किया है। यह मिसाइल ईरान द्वारा पहले प्रदर्शित की गई मिसाइल से मिलती जुलती है जिसे तेहरान ने हाइपरसोनिक गति से उड़ने वाला बताया है। विद्रोहियों ने इस्राइल में दक्षिणी खाड़ी क्षेत्र में अकाबा के ईलात बंदरगाह पर अपनी नई फलस्तीनी मिसाइल दागी।

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