अखिलेश यादव की लिस्ट पर भड़की कांग्रेस, कहा-गलतफहमी में न रहें

यूपी में अखिलेश यादव द्वारा लोकसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी के 16 उम्मीदवारों के नाम का एलान किए जाने पर कांग्रेस ने नाराजगी जताई है. कांग्रेस का कहना है कि समाजवादी पार्टी का ये फैसला खतरनाक है.उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा है कि समाजवादी पार्टी गठबंधन धर्म का पालन नहीं कर रही है. उसने लोकसभा चुनाव के लिए कैंडिडेट्स के नाम का एलान एकतरफा कर दिया है.कांग्रेस नेता अविनाश पांडे ने कहा कि समाजवादी पार्टी किसी गलतफहमी में ना रहे, उसे समझना होगा कि एक राष्ट्रीय पार्टी उनसे समझौता कर रही है. ऐसे में कांग्रेस को कोई कमजोर ना आंकें. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी को किस बात की जल्दबाजी थी. जबकि एक तरफ सीट को लेकर चर्चा चल रही थी. दूसरी तरफ वो कांग्रेस को संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं. जबकि किसी सीट पर या किसी संख्या पर दोनों दलों के बीच कोई सहमति नहीं बनी है. इससे कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को इससे निराशा हुई है. उन्होंने कहा कि साफ दिख रहा है कि समाजवादी पार्टी गठबंधन धर्म का पालन नहीं कर रही है.

‘कांग्रेस गठबंधन धर्म निभाती है’

कांग्रेस ने कहा कि समाजवादी पार्टी जो कर रही है वो बेहद खतरनाक है और खुद कांग्रेस को इसकी जानकारी नहीं है. जबकि कांग्रेस गठबंधन का अच्छे से पालन कर रही है. यही नहीं कांग्रेस जहां भी गठबंधन करती है, वहां अपना गठबंधन धर्म निभाती है. बता दें कि मंगलवार को अचानक समाजवादी पार्टी ने 16 सीट पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए थे. जिसमें डिंपल यादव और धर्मेंद्र यादव का नाम शामिल था. जबकि इंडिया गठबंधन के बीच अभी सीटों के तालमेल पर बातचीत चल ही रही थी.

पहले कांग्रेस को 11 सीटें ऑफर किया था

इससे पहले अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को 11 सीटें ऑफर की थीं. लेकिन कांग्रेस ने इस पर असहमति जताई थी. इसके बाद से गठबंधन को लेकर किसी तरफ से कोई सकारात्मक बातें सुनने को नहीं मिली थीं. इस बीच में अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी की पहली लिस्ट जारी कर गठबंधन के बाकी दलों को निराश कर दिया. उधर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कहा है कि अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव अकेले लड़ना चाहते हैं. इसलिए उन्होंने 11 सीट देकर कांग्रेस को संकेत दे दिया है कि तुम भी गठबंधन से अलग हो जाओ. राजभर का कहना है कि अखिलेश यादव को डर सता रहा है कि कहीं लालू यादव वाली स्थिति उनके साथ ना हो जाए.

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