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इंस्पेक्टर सुखजिंदर सिंह ने बताया कि सुखविंदर सिंह उर्फ बबलू कई सालों से ढिल्लों नगर इलाके में रहता था। वह ऑटो चलाकर परिवार का पालन पोषण करता था। दो तीन दिन पहले इलाके में एक लावारिस बैल घूम रहा था तो उसने बलवीर सिंह को कहा कि वह बार बार बैल के आगे से न गुजरे, बैल आने जाने वालों पर हमला करता है और उस पर भी हमला कर सकता है। इसी बात को लेकर उनमें कहासुनी हो गई। आस-पास के लोगों ने बीच बचाव करवा मामला शांत करा दिया।
रोजाना बलबीर और उसका परिवार सुखविंदर बबलू से किसी न किसी बात से उलझ रहा था और झगड़ा कर रहा था। वीरवार देर रात को एक बार फिर उनमें कहासुनी हो गई और आरोपियों ने बबलू पर हमला कर दिया। वह डंडे, लाठियों और तेजधार हथियार से बलबीर और उसके परिवार पर हमला करने लगे। आरोपी उसे तब तक मारते रहे जब तक वह बेहोश नहीं हो गया। इलाके के लोगों ने पहले ही बीच बचाव कराना चाहा, लेकिन आरोपी पीछे नहीं हटे और मारते रहे। किसी तरह से इलाका निवासियों ने बबलू को छुड़वाया और अस्पताल पहुंचाया। जहां उसकी मौत हो गई।
रोजाना बलबीर और उसका परिवार सुखविंदर बबलू से किसी न किसी बात से उलझ रहा था और झगड़ा कर रहा था। वीरवार देर रात को एक बार फिर उनमें कहासुनी हो गई और आरोपियों ने बबलू पर हमला कर दिया। वह डंडे, लाठियों और तेजधार हथियार से बलबीर और उसके परिवार पर हमला करने लगे। आरोपी उसे तब तक मारते रहे जब तक वह बेहोश नहीं हो गया। इलाके के लोगों ने पहले ही बीच बचाव कराना चाहा, लेकिन आरोपी पीछे नहीं हटे और मारते रहे। किसी तरह से इलाका निवासियों ने बबलू को छुड़वाया और अस्पताल पहुंचाया। जहां उसकी मौत हो गई।