क्या है बॉक्सिंग डे टेस्ट का इतिहास, क्यों बुलाते हैं इसे इस नाम से

ई दिल्ली. पिछले काफी दिनों से बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच की चर्चा लगातार हो रही है. ऐसे में यह सवाल उन सभी के मन में आया होगा कि आखिर इस टेस्ट को इतना खास क्यों बताया जाता है. इसका नाम कैसे पड़ा और इसकी महत्व कितना है.बॉक्सिंग डे पर ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड की टीमें टेस्ट मैच खेलने उतरती है. इस बार इसका हिस्सा भारत और पाकिस्तान की टीमें हैं.बॉक्सिंग डे पर ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका की टीमें हर साल टेस्ट मैच जरूर खेलने उतरती हैं. इस बार भी इन दोनों टीमों के मुकाबले देखने को मिलेंगे. ऑस्ट्रेलिया की टीम पाकिस्तान जबकि साउथ अफ्रीका भारत के साथ खेलने उतरेगा. भारत इस मैच से सीरीज का आगाज करने जा रहा है जबकि पाकिस्तान तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के दूसरे मुकाबले में खेलेगा.

क्या है बॉक्सिंग डे का इतिहास
बॉक्सिंग डे टेस्ट की शुरुआत ऑस्ट्रेलिया में 1950-51 की एशेज सीरीज में पहली बार हुई थी. जब टेस्ट मैच 6 दिन के होते थे और बीच का किसी एक दिन आराम का होता था. ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच यह मुकाबला 22 से 27 दिसंबर के बीच खेला गया था. मैच का चौथा दिन बॉक्सिंग डे पड़ा था. ऑस्ट्रेलिया की टीम 1980 के बाद से हर साल बॉक्सिंग डे पर टेस्ट मैच खेलने उतर रही है.

सिडनी और सेंचुरियन में बॉक्सिंग डे टेस्ट
ऑस्ट्रेलिया की टीम ने बॉक्सिंग डे के लिए सिडनी क्रिकेट ग्राउंड को चुना हुआ है. हर साल मेजबान टीम सिडनी में किसी ना किसी टीम के साथ यहां पर 26 दिसंबर यानी बॉक्सिंग डे पर टेस्ट मैच खेलने उतरती है. इसी तरह से साउथ अफ्रीका में सेंचुरियन को बॉक्सिंग डे टेस्ट के आयोजन के लिए चुना गया है.

क्या है बॉक्सिंग डे की परंपरा
हर साल दुनियाभर में 25 दिसंबर को क्रिसमस को मनाया जाता है. लोग इस दिन अपने करीबी लोगों को तौहफा देते हैं. क्रिसमस के अगले दिन उन लोगों को गिफ्ट देने का चलन है जो त्योहार के दिन छुट्टी ना लेकर काम करते हैं. इस चलन की वजह से ही इसे बॉक्सिंग डे के नाम से पुकारा जाता है.

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