मनी लॉन्ड्रिंग केस: 13 अप्रैल तक ED की गिरफ्त में रहेगा संदेशखाली का मास्टरमाइंड शाहजहां शेख

वेस्ट बंगाल के संदेशखाली के रहने वाले माफिया शाहजहां शेख को 13 अप्रैल तक के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया गया है. पीएमएलए कोर्ट के न्यायाधीश सुवेंदु साहा ने उसकी जमानत याचिका खारिज करते हुए ईडी के हवाले कर दिया.

शेख को राशन घोटाले, मनी लॉन्ड्रिंग, जमीन पर कब्जा, महिलाओं के यौन शोषण और ईडी की टीम पर हमला करवाने के आरोप में पहले स्थानीय पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था.

उसके बाद कोर्ट के आदेश पर उसे पुलिस ने सीबीआई के हवाले कर दिया था. बीते दिनों ईडी ने कोर्ट से अनुमति लेकर उससे पूछताछ की थी, जिसके बाद उसे अपनी गिरफ्त में ले लिया था. कोर्ट में ईडी की ओर से पेश होते हुए वकील अरिजीत चक्रवर्ती ने मछली पालन की आड़ में असहाय ग्रामीणों से जमीन हड़पने से प्राप्त धन की कथित हेराफेरी के मामले में शाहजहां शेख से पूछताछ करने के लिए उसे ईडी की हिरासत में लेने की प्रार्थना की थी.

संदेशखाली का मास्टरमाइंड शाहजहां शेख इससे पहले सीबीआई की हिरासत में था. उसे बशीरहाट जेल में रखा गया था. बीते शनिवार को ईडी ने उससे पूछताछ के लिए कोर्ट से इजाजत मांगी थी. बशीरहाट उप विभागीय कोर्ट ने शनिवार दोपहर शेख शाहजहां से पूछताछ करने की इजाजत दे दी थी. ईडी राशन घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग केस में जांच कर रही है. इसी सिलसिले संदेशखाली पहुंची ईडी की टीम पर हमला किया गया था.

इससे पहले 12 मार्च को कोलकाता हाई कोर्ट में शाहजहां शेख की अग्रिम जमानत पर सुनवाई हुई थी. कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज कर दी थी. इस दौरान शाहजहां की ओर से पेश हुए उसके वकील सब्यसाची बनर्जी ने कहा था कि यह स्पष्ट नहीं है कि उसके मुवक्कील किस आरोप में गिरफ्तार किया गया है. उनका कहना था कि राशन घोटाले में 12 दिसंबर 2023 को शिकायत दर्ज की गई थी. इसमें शेख सीधे तौर पर प्राथमिक अभियुक्त नहीं है.

5 जनवरी को उसके घर पर छापा मारा गया था. इसके बाद में 23 और 24 जनवरी को दोबारा छापेमारी की गई थी. इस दौरान ईडी की छापेमारी में कुछ नहीं मिला था. इसके बाद एक नोटिस जारी करके शाहजहां शेख या उसके किसी प्रतिनिधि को हाजिर होने के लिए कहा गया. उस वक्त शेख ने अग्रिम जमानत की अर्जी दी थी. वकील का यह भी आरोप था कि शाहजहां को केवल एक गिरफ्तार आरोपी के बयान के आधार पर समन किया गया.

बताते चलें कि शाहजहां शेख की पहचान टीएमसी के एक ताकतवर और प्रभावशाली नेता के तौर पर है. वो संदेशखाली यूनिट का टीएमसी अध्यक्ष भी रह चुका है. पहली बार शाहजहां शेख उस समय चर्चा में आया, जब 5 जनवरी को ईडी की टीम शाहजहां से बंगाल राशन वितरण घोटाला मामले में पूछताछ करने पहुंची थी, उस समय उसके गुर्गों ने ईडी की टीम पर हमला कर दिया था. इसके बाद से ईडी ने उसे लगातार समन जारी किया था.

ईडी की टीम पर हमला होने के बाद संदेशखाली उस समय सुर्खियों में आया, जब वहां की महिलाओं ने शाहजहां शेख पर जमीन हड़पने और उसके गुर्गों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया. इस मामले को लेकर लेफ्ट और बीजेपी पार्टियों ने ममता सरकार के खिलाफ जमकर विरोध किया. संदेशखाली में धारा 144 लगाकर विपक्ष के नेताओं को वहां जाने से रोका गया, हालांकि बीजेपी के नेताओं ने बंगाल से लेकर दिल्ली तक इस मामले को उठाया था.

इसके बाद ममता सरकार पर दबाव बनाया गया कि संदेशखाली के सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की जाए. हालांकि बंगाल पुलिस ने इसके गुर्गों को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन शाहजहां शेख पर हाथ डालने से पुलिस डर रही थी. कोलकाता हाई कोर्ट ने जब शाहजहां की गिरफ्तारी का आदेश दिया तो पुलिस ने एक्शन लेते हुए देर रात गिरफ्तार कर लिया था. लेकिन उसे सीबीआई को नहीं सौंपा गया. हालांकि, बाद में सीबीआई को कस्टडी दे दी गई.

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