मधुबनी प्रखंड में पंचायत समिति सदस्या को किया गया हाउस आरेस्ट

गहा अनुमंडल अंतर्गत मधुबनी प्रखंड प्रमुख के अविश्वास प्रस्तावित समय आने के पहले ही पंचायत समिति सदस्य को प्रखंड प्रमुख के दावेदारों के द्वारा अगवा करने का कार्य जोरों पर चल रहा है।

 

पिछले सप्ताह में कुछ प्रमुख दावेदार द्वारा मधुबनी पंचायत समिति सदस्या इंदिरा देवी तथा उसके पुत्र किशन कुमार को कुछ लोगों के द्वारा अगवा कर के घर से ही उठा लिया गया था ।इसकी भनक लगते ही सत्ताधारी प्रमुख के द्वारा सरगर्मी बढते हुए पीड़ित पंचायत समिति सदस्य के परिजन द्वारा धनहां थाना में एक आवेदन पत्र देकर रिहाई की गुहार लगाते ही अगले दिन के सुबह में पंचायत समिति सदस्य को रिहा कर दिया गया।

धनहा थाना की पुलिस द्वारा जांच पड़ताल करने के बाद घर तक सुरक्षित समिति सदस्या को सुरक्षित उसके घर पहुंचा दिया गया ।अपने मर्जी से ईलाज के लिए गये पंचायत समिति सदस्य के पति के घर आते ही पुलिस के द्वारा हाउस आरेस्ट कर दिया गया है। लेकिन कुछ लोगो के द्वारा पंचायत समिति सदस्य एवं उसके परिजनों को अपने पक्ष में जाने के लिए धमकीं दिया जा रहा है । यह बातें समिति सदस्या के पति वासुदेव प्रसाद ने कही। खबरों के मुताबिक पंचायत समिति सदस्य के पति वासुदेव साह द्वारा आत्म हत्या करने की बात कही जा रही है। साथ ही पुलिस प्रशासन पर हाउस आरेस्ट करने का विरोध किया जा रहा है। वही स्वतंत्रता के आजादी की हनन करने की बात कही जा रही है।

साथ ही वासुदेव प्रसाद ने कहा कि हमारे उपर क्या आरोप है कि मेरे परिवार को पुलिस के द्वारा हाउस आरेस्ट किया गया है। इस दौरान वर्तमान प्रखंड प्रमुख विजया सिंह ने कहा कि समय से पहले ही मेरे समर्थकों को डराया धमकाया जा रहा है। जबकि दिसंबर के बाद छः माह के अंदर अविश्वास प्रस्ताव लगाया जा सकता है। परंतु इसके पूर्व ही समिति सदस्या के साथ दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से प्रताड़ित किया जा रहा है। जो चुनाव आयोग के नियमों के विरुद्ध है। वहीं थानाध्यक्ष अजय कुमार ने उक्त सन्दर्भ में बतलाया है कि सदस्या का हाउस आरेस्ट नहीं किया गया है। कोई अप्रिय घटना घटित नहीं हो, इसलिए पुलिस वहां पर सुरक्षा के लिए तैनात की गयी है।

जानकारी हो कि मधुबनी प्रखंड के 10 पंचायतों में कुल 11समिति सदस्य निर्वाचित हुए हैं। वही क्षेत्र में इसको लेकर काफी चर्चा का विषय बन चुका है। वही चौक चौराहों पर इंडिया गठबंधन व भाजपा के बीच सीधी टक्कर देखने को मिल रही है। हलाकि प्रशासन इसको लेकर विधिसम्मत कानूनी प्रक्रिया को देख अपनी अहम भूमिका निभाने में जुटी हुई है। जबकि समिति सदस्या के घर पुलिस की पहरा 24 घन्टे जारी है। अब देखना है कि इस प्रक्रिया में क्या कुछ हो सकता है।

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