Opinion: पीएम मोदी का 2024 के लोकसभा चुनावों में रिकार्ड तोड़ प्रचार

मां भारती के चरणों में बैठकर आज फिर से ये संकल्प दोहराता हूं कि जीवन का पल-पल और शरीर का कण-कण सदैव राष्ट्र सेवा में समर्पित रहेगा” करीब 45 घंटे की साधना के बाद पीएम मोदी ने विवेकानंद रॉक मेमोरियल से प्रधानसेवक नरेंद्र मोदी जी का विशेष संदेश ट्वीट किया तो साफ हो गया कि आने वाले दिनों में उनका एजेंडा क्या होगा.

बच्चन की एक कविता की चंद लाईने हैं जो पीएम मोदी की इस प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं.

तू न थकेगा कभी,
तू न रुकेगा कभी,
तू न मुडेगा कभी,
कर शपथ,कर शपथ, कर शपथ,
अग्निपथ, अग्निपथ,अग्निपथ.

कन्याकुमारी मे ही तिरुवल्लुवर को श्रद्धाजंली देने पीएम मोदी 100 से ज्यादा सीढिया चढे तो साबित हो गया है कि ये पीएम रुकेगा नहीं. वाकई ये राजनीति अग्निपथ ही है जिसमें कतार में खड़े आखिरी व्यक्ति तक विकास की परियोजनाओं का पूरा लाभ पहुंचाने के लिए पीएम मोदी ने पूर्णाहुति दी है. ये चुनाव लोकतंत्र के इतिहास मे वाकई अलग माना जाएगा क्योकि दस साल के शासन के बाद पीएम मोदी ने एक बार फिर काम के लिए वोट मांगा है. एंटी इंकंबेंसी मानों हाशिए पर ही चली गयी जब देश भर का वोटर मोदी मोदी के नारे लगाता नजर आया.

लोकसभा चुनावों की आहट पाते ही पीएम मोदी का प्रचार ऐसा जोर पकड़ा की विपक्षी देखते ही रह गए. देश के हर कोने में पहुंचने का पीएम मोदी का प्लान भी सफल होता गया. आलम ये रहा कि 2024 को जब चुनाव प्रचार खत्म हुआ तो साफ हो गया कि इस बार पीएम मोदी ने प्रचार का रिकार्ड ही स्थापित कर दिया. आंकड़ों के मुताबिक पीएम मदी ने 206 रैलियां, इवेंट और रोड शो किए. पूरे चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने 80 से भी ज्यादा इंटरव्यू भी दिए. यादों को ताजा करते हुए ये भी बता दें कि चुनावों के ऐलान से पहले के दो महीने में पीएम मोदी ने देश के सभी 30 राज्यों में तीन तीन बार दौरे दिए और विकास की योजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया. यानी पिछले साल दिसंबर से ही पीएम मोदी निकल पड़े थे अपने विजय अभियान मे.

पीएम मोदी चुनाव प्रचार के अंत में अपनी आध्यात्मिक यात्राओं के लिए जाने जाते हैं. इसलिए जब अपने चुनाव अभियान के समापन पर पीएम ने ऐलान किया कि 30 मई से एक जून तक कन्याकुमारी के दौरे पर रहेंगे और 31 मई से एक जून विवेकानंद मेमोरियल पर मडिटेशन यानी ध्यान लगाएंगे तो किसी को आश्चर्य नहीं हुआ. पीएम ने ध्यान मंडपम पर उसी जगह ध्यान लगाय जहां स्वामी विवेकानंद ने ध्यान किया था. कन्याकुमारी वो स्थान है जहां स्वामी विवेकानंद को भारत माता के दर्शन हुए थे. इस शिला का भी स्वामी विवेकानंद के जीवन पर काफी प्रभाव पड़ा था. लोगों का मानना है कि जैसे सारनाथ का गौतम बुद्ध के जीवन में विशेष स्थान है, यह शिला स्वामी विवेकानंद के जीवन में वैसा ही स्थान रखती है. पूरा देश घूमने के बाद स्वामी विवेकानंद ने यहीं तीन दिनों तक तपस्या की और विकसित भारत का सपना देखा. उसी स्थान पर पीएम मोदी का ध्यान करना स्वामी विवेकानंद के विकसित भारत के दृष्टिकोण को जीवन में लाने के लिए पीएम मोदी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

एग्जिट पोल के नतीजों मे बीजेपी और एनडीए बहुमत की ओर बढते नजर आ रहे हैं. इससे ये साबित भी होता है कि 10 साल की सत्ता के बाद भी काम के आधार पर जनता वोट दे रही है. मोदी भरोसा एक बार फिर हिट होने का कगार पर है. तभी तो पीएम मोदी बार बार यही दोहरा रहे हैं कि 10 सालों में अब तक लोगों ने एपेटाईजर देखा है, मेन कोर्स तो अब आएगा. इंतजार कीजिए की इस बार मोदी भरोसा पिटारे मे क्या क्या है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *