थोक बाजार में 40 प्रतिशत तक बढ़ी प्याज की कीमतें, जानिए क्या है वजह

देश की सबसे बड़ी प्याज मंडियों में से महाराष्ट्र की लासलगांव मंडी में प्याज की थोक कीमतों में 40 प्रतिशत तक का उछाल देखने को मिला है। कीमतों में उछाल ऐसे समय पर दर्ज किया गया है, जब केंद्र सरकार द्वारा प्याज के निर्यात से रोक हटाने का ऐलान किया गया है।बता दें, हाल ही में केंद्रीय राज्य मंत्री भारती पवार की ओर से बताया गया था कि सरकार ने प्याज के निर्यात पर रोक हटाने का फैसला लिया है। साथ ही कहा था कि सरकार जल्द इसका नोटिफिकेशन निकालेगी। सरकार द्वारा ये निर्णय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में मंत्रियों के साथ बैठक के बाद लिया गया।

क्या है थोक में प्याज का भाव?

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में एपीएमसी अधिकारियों के हवाले से बताया गया कि सरकार के इस निर्णय का पूरे थोक प्याज बाजार पर सकारात्मक असर हुआ है। प्याज की औसत कीमत लासलगांव मंडी में 1800 रुपये क्विंटल तक पहुंच गई है, जो कि शनिवार को 1,280 रुपये प्रति क्विंटल थी।इसके अलावा कहा गया कि दिन के कारोबार में प्याज की अधिकतम कीमत 2,100 रुपये प्रति क्विंटल और न्यूनतम कीमत 1,000 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज की गई है। दिन के कारोबार में करीब 10,000 क्विंटल प्याज का सौदा हुआ है।

सरकार ने प्याज के निर्यात पर क्यों लगाया बैन?

खुदरा बाजार में लगातार महंगी होती प्याज के कारण सरकार की ओर से पिछले वर्ष दिसंबर में प्याज के निर्यात पर बैन लगा दिया गया था। इसके बाद थोक मंडियों में प्याज की कीमत करीब 3,900 रुपये प्रति क्विंटल से 67 प्रतिशत गिरकर 1,280 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गई है। किसानों का कहना है 1800 रुपये प्रति क्विंटल पर ही उनकी लागत निकलती है। निर्यात पर प्रतिबंद्ध होने के कारण पिछले दो-तीन महीने में उन्हें काफी नुकसान हुआ है।

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