पंजाब में लोकसभा चुनाव अपने दम पर लड़ने के भारतीय जनता पार्टी के फैसले के बाद बाद शिरोमणि अकाल दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी के लिए ”संख्या बल से अधिक महत्वपूर्ण” सिद्धांत हैं।
साथ ही उन्होंने वोट को लेकर ”राजनीति करने” के लिए राष्ट्रीय पार्टियों को आड़े हाथ लिया। भाजपा ने मंगलवार को घोषणा की कि वह पंजाब में अपने दम पर आगामी लोकसभा चुनाव लड़ेगी। इससे शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के साथ दोबारा गठबंधन करने को लेकर हो रही बातचीत पर पूर्ण विराम लगने का संकेत मिला ।
भाजपा के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुये शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा, ”शिअद कोई साधारण राजनीतिक दल नहीं है । यह सिद्धांतों वाली पार्टी है। हमारे लिये संख्या बल से अधिक महत्वपूर्ण सिद्धांत हैं ।” उन्होंने कहा कि 103 साल पुरानी पार्टी शिरोमणि अकाली दल की जिम्मेदारी पंजाब एवं ‘कौम’ की सुरक्षा, शांति एवं भाईचारा बनाये रखने की है। उन्होंने कहा कि अकाली दल का गठन सरकार बनाने के लिये नहीं हुआ था।” सुखबीर ने दिल्ली स्थित राष्ट्रीय राजनीतिक दलों पर वोटों के लिये राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ”हम वोटों पर राजनीति नहीं कर रहे हैं। हमारे लिए यह पंजाब है।”
उन्होंने कुछ दिन पहले अपनी पार्टी की कोर कमेटी द्वारा लिए गए फैसलों की ओर भी इशारा किया । उन्होंने कहा, ”हमारी कोर कमेटी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि हमारे सिद्धांत क्या हैं।” इससे पहले भारतीय जनता पार्टी की पंजाब इकाई के प्रमुख सुनील जाखड़ ने कहा कि पार्टी प्रदेश में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने जा रही है । उन्होंने कहा कि लोगों, पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं की प्रतिक्रिया के आधार पर यह फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि यह पंजाब के भविष्य और युवाओं, किसानों, व्यापारियों, मजदूरों और वंचितों की बेहतरी के लिए किया गया है।
इससे पहले वरिष्ठ भाजपा नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से जब शिअद के साथ गठबंधन की संभावना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा था, ”बातचीत चल रही है। हम चाहते हैं कि सभी राजग दल एक साथ आएं।” इसके एक सप्ताह बाद यह निर्णय किया गया है। पिछले महीने भी जब शाह से शिअद के साथ गठबंधन के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि बातचीत चल रही है ।
दोनों दलों के बीच दोबारा गठबंधन पर चर्चा के बीच, शिअद ने 22 मार्च को अपनी कोर कमेटी की बैठक के बाद लोकसभा चुनाव में अकेले उतरने का संकेत दिया था। पार्टी की कोर कमेटी द्वारा पारित प्रस्ताव में शिअद ने कहा था कि वह ”सिद्धांतों को राजनीति से ऊपर रखना जारी रखेगी।”