सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने फीचर फिल्मों के सार्वजनिक प्रदर्शन का दिया आदेश, दिव्यांगजनों को आगे बढ़ाने के लिए उठाया कदम

भारतीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने सिनेमा थिएटरों में फीचर फिल्मों के सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए दिशानिर्देश अधिसूचित किए हैं। आधिकारिक बयान के अनुसार इस पहल के उद्देश्य से ये सुनिश्चित करना है कि सुनने और देखने में अक्षम लोग सिनेमाई अनुभव का पूरा आनंद ले सकें।एक प्रेस रिलीज में पीएम मोदी के हवाले से जानकारी दी गई कि आज दिव्यांगजनों के लिए अवसर और पहुंच पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। हमारा प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि देश में हर व्यक्ति सशक्त हो, एक समावेशी समाज का निर्माण हो, समानता और सहयोग की भावना से समाज में सद्भाव बढ़े और हर कोई एक साथ मिलकर आगे बढ़े।नए जारी दिशानिर्देशों के तहत व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए प्रदर्शित सभी फीचर फिल्मों को दिए गए समय सीमा के भीतर पहुंच मानकों का पालन करना होगा। ये मानक न सुन पाने वाले लोगों के लिए फिल्मों के कैप्शन और अंधे लोगों के लिए (ऑडियो डिटेल) की सुविधा होनी चाहिए।विकलांगता अधिकार समूहों, मूवी, डिस्ट्रीब्यूटर, स्कॉलर और निर्माताओं के साथ व्यापक परामर्श के माध्यम से विकसित ये सरकारी दिशा निर्देश समावेशिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति का काम करेंगे। बयान के मुताबिक फीचर फिल्मों के विकास में आने वाले बाधाओं को दूर करने और सभी के लिए समान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए एक रूपरेखा प्रदान करते हैं।

सूचना और प्रसारण मंत्रालय का उद्देश्य

सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अनुसार जारी दिशानिर्देशों का उद्देश्य लिखित उपायों को अपनाकर सुनने और दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए फीचर फिल्मों की पहुंच को आसान बनाना है और संस्कृति के विकास के लिए जरूरी समर्थन को हासिल करने के लिए ढांचा प्रदान करना है।

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