अपराध पर लगाम के लिए जेल प्रशासन कैदियों की सुविधाओं करेगा वार

जेल से पनप रहे अपराध लगाम लगाने के लिए अब जेल प्रशासन ने कमर कस ली है। अपराध को रोकने के लिए जेल प्रशासन कैदियों की सुविधाओं पर वार करेगा। सुविधाओं में कटौती सहित अन्य कठोर फैसलों से जेल में रह रहे कैदियों में भय व्याप्त होगा और वे जेल में रहकर अपराध को अंजाम नहीं दे पाएगा।

पिछले एक साल की बात की जाएं तो जयपुर सेंट्रल जेल सहित अन्य जेलों से अपराध कारित करने के दर्जनों मामले सामने आ चुके है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार जेल में लगातार मोबाइल मिलने की शिकायतों के चलते अब तलाशी अभियान को तेज किया जा रहा है। इसके अलावा खाने-पीने से सहित जेल में अंदर भेजे जाने वाले सामान की जांच का दायरा भी बढ़ाया गया है। अपराध में लिप्तता सामने आने पर हार्डकोर बदमाश को हाई सिक्योरिटी जेल के साथ अन्य जेलों में शिफ्ट कर दिया जाता है, इससे उसका अपराध का नेटवर्क टूट जाता है। नशा, एक्सटोर्शन सहित अन्य अपराधों के सामने आने पर बदमाशों पर थाना पुलिस भी कार्रवाई करती ही है साथ ही जेल प्रशासन की उसके खिलाफ सख्त कदम उठाती है। जेल में सजायाप्ता कैदी के अपराध कारित करने या शामिल होने या किसी दूसरे से अपराध करवाने पर उसकी पेरोल, केंटीन, लैंडलाइन फोन सहित अन्य सुविधाओं पर रोक लगा दी जाती है। ऐसे अपराधी को खुली जेल में भी भेजा जाता है।

जेल प्रशासन का कहना है कि अंडर ट्रायल कैदी के अपराध में लिप्त होने पर उसकी जेल में मिलने वाली सुविधाओं को रोक दिया जाता है। इसके अलावा जेल में कैदियों को सुधारने की दिशा में भी लगातार काम किया जा रहा है। जेलों में कैदियों को पढ़ने से लेकर व्यापार तक की सुविधा मिलती है। लेकिन हार्डकोर और अपराधिक प्रवृति के कैदियों लगातार कठोर निगरानी के साथ अन्य सख्ती रखी जाती है। जेल में बंद कैदियों से काम भी करवाया जाता है। इसके लिए भी लगातार जेल प्रशासन नित नई योजनाओं पर काम करता रहता है। जेल के कैदियों को काम देने के लिए पेट्रोल पम्प और एक दुकान भी खुलवा रखी है। जेल के अंदर ही कई प्रकार के प्रोडक्ट्स का भी उत्पादन किया जाता है।

इस मामले में जयपुर कारागार के आईजी विक्रम सिंह ने बताय कि जेल में बंद बंदियों द्वारा किए जाने अपराध पर लगाम लगाने के लिए कई प्रकार के महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाते हैं। इसमें अपराध कारित होने पर हार्डकोर कैदी को हाईसिक्योरिटी जेल भेजने, कैदियों की सुविधाओं में कटौती , खुली जेलों में भेजने पर रोक सहित अन्य निर्णय लिए जाते है। जेल में लगातार तलाशी अभियान भी चलाया जाता है। ताकि अपराधियों को किसी प्रकार के हथियार, मोबाइल सहित अन्य मादक पदार्थ नहीं मिले।

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