विदेश मंत्री ने सत्र को किया संबोधित, कहा- हम दूसरों से आत्मनिर्भर बनाने पर बात करते हैं

विदेश मंत्री एस जयशंकर नई दिल्ली में जारी रायसीना डायलॉग में पहुंचे। यहां उन्होंने एक सत्र को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने जोर दिया कि भारत की अलग-अलग देशों के साथ साझेदारी है।भारत की समग्र रूप से यूरोपीय संघ के साथ साझेदारी है। उन्होंने कहा कि भारत नवीकरणीय प्रौद्योगिकियों को लेकर आत्मनिर्भर बनने पर यूरोपीय संघ से बात कर रहा है।

हम लोग साथ मिलकर काम करते हैं
जयशंकर ने कहा कि मैं आपको एक उदाहरण देता हूं कि ग्रिड बनाने के लिए हमने जर्मनी से हाथ मिलाया। जर्मनी के साथ हमने सौर्यीकरण पर तेजी से काम किया, जो आवश्यक था। उन्होंने कहा कि हम जो बात करते हैं, वह एक-दूसरे से पूछकर होशियार न बनें। मैं एक कुछ तो दूसरी जगह कुछ बात नहीं करता। मैं हर जगह एक ही बात करता हूं क्योंकि आखिर में लोग एक-दूसरे से पूछते हैं कि क्या बातचीत हुई।

स्पष्टवादी होने को बताया महत्वपूर्ण
जयशंकर ने कहा कि लोग मुझसे कहते हैं कि आप एक राजनयिक हैं, आप इतने स्पष्टवादी क्यों है। आप इतने सीधे क्यों हैं। इस पर उन्होंने कहा कि सीधा होना कूटनीति में सबसे जरूरी है। लोग जब आपको सीधा समझते हैं तो आपको गंभीरता से लेते हैं। उन्हें आपसे तब ईमानदारी का एहसास होता है। स्पष्टवादी होना आवश्यक है। इसके अलावा, जयशंकर ने कार्यक्रम में चेक गणराज्य, रोमानिया और भूटान के विदेश मंत्रियों से मुलाकात की।

नौसेना प्रमुख ने भी की बात
रायसीन डायलॉग में नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि हाल के सभी संघर्षों में फिर चाहे वह इस्राइल हमास युद्ध हो या यूक्रेन रूस युद्ध, जंग की प्रकृति में बदलाव आया है। इसलिए हमें अब आधुनिक तकनीकों के उपयोग को अपनाने की जरूरत है। तकनीके हाल में काफी अधिक किफायती और सुलभ होती जा रही हैं। हमें अब समुद्री क्षमताओं में निवेश की आवश्यकता है। कार्यक्रम में संयुक्त राज्य अमेरिका के यूएस इंडो पैसिफिक कमांड के कमांडर एडम जॉन सी एक्विलिनो ने कहा कि हमें अपने बल की रक्षा करनी चाहिए। वाणिज्य के मुक्त प्रवाह की रक्षा करनी चाहिए।

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