नीतीश सरकार के विश्वासमत के दौरान विधायक खरीद फरोख्त मामले में अब ED भी एक्टिव हो गई है. मुख्य प्राथमिकी अभियुक्त इंजीनियर सुनील के विरूद्ध PMLA ACT की धाराओं के तहत ईडी कार्रवाई करेगी.
इस मामले को लेकर पटना के कोतवाली थाना में दर्ज FIR की कॉपी समेत केस से जुड़े सारे दस्तावेज ED ने हासिल कर ली है. बता दें कि इस कांड का अनुसंधान EOU आर्थिक अपराध इकाई द्वारा 13 फरवरी .2024 को ग्रहण किया गया था. EOU ने अब इस पूरे कांड की जांच ED से की है.
बताया जा रहा है कि नीतीश सरकार के विश्वासमत के दौरान हॉर्स ट्रेडिंग के इस कांड में अवैध धन राशि का बड़े पैमाने पर आदान प्रदान से संबंधित साक्ष्य सामने आए हैं. आरोप के अनुसार, इसमें धन का प्रलोभन देकर राज्य में चुनी हुई सरकार को अव्यवस्थित करने के लिए विधायक को अपहरण करने एवं अपने पक्ष में मतदान करने के लिए प्रलोभन देने का भी प्रयास किया गया था.
मिली जानकारी के अनुसार, इस कांड के प्राथमिक अभियुक्त इन्जीनियर सुनील द्वारा कई विधायकों को कथित तौर पर भारी मात्रा में बिहार राज्य एवं झारखंड राज्य में राशि के भुगतान करने से संबधित साक्ष्य प्राप्त हुए हैं. बता दें कि इंजीनियर सुनील कुमार के साथ पूर्व MLC सुबोध राय के विरूद्ध भी वैशाली जिला में कुल 6 कांड दर्ज हैं. सुबोध राय पूर्व MLC झारखंड में शराब का व्यवसाय करते हैं.
EOU और ED सूत्रों से मिली बड़ी जानकारी के अनुसार, इस कांड का दायरा बिहार झारखंड के साथ-साथ बिहार से सटे अन्तराष्ट्रीय सीमा नेपाल तक है, जहां साक्ष्य होने की प्रबल संभावना जताई गई है. ED के अनुसंधान में पूरी तस्वीर साफ होने की उम्मीद है.