साइबर क्राइम का मास्टर माइंड जयपुर से गिरफ्तार, एक करोड़ की धोखाधड़ी का मामला

साेशल मीडिया पर ट्रेडिंग बिजनेस से तीन गुना मुनाफा कमाने के नाम पर लाखों की धोखाधड़ी की जा रही है। यदि ऐसा संदेश आपको व्हाट्स एप अथवा फेसबुक या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर देखने को मिले तो सावधान हो जाएं।ऐसा ही एक और मामला देहरादून में सामने आया, जिसमें एक करोड़ की धोखाधड़ी की गईउत्तराखंड एसटीएफ ने सोमवार को राजस्थान के जयपुर से साइबर अपराध के मास्टर माइंड को गिरफ्तार कर लिया है। ये साइबर अपराधी बिहार का रहने वाला है, जो देश भर में साइबर अपराध को अंजाम देता है। जांच में एक करोड़ रुपये धोखाधड़ी का मामला प्रकाश में आया हैवरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि जनपद अल्मोड़ा में शिक्षा विभाग में नियुक्त पीड़ित ने फरवरी 2024 में शिकायत दर्ज कराया। शिकायती पत्र में बताया कि विगत दिनों उन्होंने फेसबुक पर एक ट्रेडिंग बिजनेस का मैसेज देखा जिसके लिंक पर क्लिक करते ही उनका संपर्क एक विदेशी वाट्सअप नंबर से हुआ। इस नंबर पर चैंटिग करने पर एक व्हाट्स एप ग्रुप में जुड़ने के साथ डिटिगामैक्स एप्लीकेशन डाउनलोड कर इंवेस्ट करने के लिए बताया गया।इस एप्लीकेशन में ट्रेडिंग करने के लिए व्हाट्स एप के माध्यम से उपलब्ध कराए गए विभिन्न बैंक खातों में लगभग 30 लाख रुपये धोखाधड़ी से जमा कराए गए। साइबर अपराधियों ने नए जारी होने वाले शेयर में अधिक मुनाफे का लालच दिया और निवेश करने पर वादी को कुछ ही दिनों में तीन गुना मुनाफा सहित लगभग 90 लाख रुपये डेसबोर्ड में प्रदर्शित किया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ ने विवेचना प्रभारी निरीक्षक साइबर क्राइम ललित मोहन जोशी के सुपुर्द करते हुए अनावरण के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

दिल्ली, कर्नाटक, गुजरात, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों से जुड़े हैं साइबर अपराध के तार-

साइबर क्राइम पुलिस ने घटना में प्रयुक्त बैंक खातों, मोबाइल नंबर, ई-मेल व व्हाट्स एप की जानकारी के लिए संबंधित बैंकों, सर्विस प्रदाता कंपनी, मेटा तथा गूगल कंपनियों से डेटा प्राप्त किया तो पता चला कि साइबर अपराधियों ने प्री-एक्टिवेटेड दूसरे व्यक्तियों के नाम से आवंटित मोबाइल सिम कार्ड व बैंक खातों का प्रयोग किया है। दिल्ली, कर्नाटक, गुजरात, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों के विभिन्न बैंक खातों में धोखाधड़ी से धनराशि प्राप्त की है। इसके विरुद्ध दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, झारखंड आदि राज्यों में कुल 11 शिकायतें भी हैं।

कई राज्यों में दर्ज हैं साइबर अपराध की शिकायतें-

पूछताछ में आरोपित ने बताया कि उसने कई लोगों के नाम से फर्जी फर्म बनाकर बैंक खाते खोले है, जिनका प्रयोग वह खुद करता था। बैंक खातों में इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से एसएमएस अलर्ट नंबर व ई-मेल आईडी का प्रयोग करता था। कई लोगों के नाम से फर्जी फर्म रजिस्टर्ड कर बैंक खाते खोले है। इन बैंक खातों के बैंक स्टेटमेंट में करोड़ों रुपये के लेनदेन किया जाना पाया गया है। जांच में यह भी प्रकाश में आया है कि इन बैंक खातों के विरुद्ध देश के कई राज्यों से साइबर अपराध की शिकायतें दर्ज हैं।

लोकेशन बदलकर पुलिस को चकमा देता रहा मास्टर माइंड-

विवेचना के दौरान बैंक खाते व मोबाइल नंबरों का सत्यापन करने पर फर्जी आईडी पर संचालित होना पाया गया। पुलिस टीम ने तकनीकी व डिजिटल साक्ष्य एकत्र कर साइबर अपराध के मास्टर माइंड व मुख्य आरोपित चंदन कुमार यादव (29) पुत्र स्व. रामजीत यादव निवासी ग्राम मानिकपुर पुलिस स्टेशन पीरपैंती, मलिकपुर दियारा जिला भागलपुर बिहार को चिन्हित कर तलाश शुरू की। गिरफ्तारी के लिए कई स्थानों पर दबिश दी, किंतु शातिर आरोपित पुलिस को चकमा देने के उद्देश्य से अपनी लोकेशन बदलता रहता था। इसी बीच साइबर पुलिस टीम ने नई तकनीक से साक्ष्य एकत्र करते हुए वांछित आरोपित चंदन कुमार यादव को जिला जयपुर राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया। जयपुर में वह किराए के मकान में रह रहा था।

चेकबुक, बैंक पासबुक, डेबिट कार्ड, सिम कार्ड, मुहर बरामद, सब फर्जी-

पुलिस ने आरोपित के पास से तीन मोबाइल, एक लैपटॉप, सात चेकबुक, पासबुक, बैंक चेक, सात डेबिट कार्ड, विभिन्न सिम कार्ड, फर्जी मुहरें व आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि बरामद किए। यही नहीं, साइबर अपराधी के मोबाइल में कई ई-मेल एकाउंट, बैंक खाते, फर्जी फर्म-कंपनियों के नाम फोटो व दस्तावेज आदि मिले।

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