साइबर फ्रॉड में शामिल 52 संस्थाएं ब्लैकलिस्ट, 1.86 लाख मोबाइल ब्लॉक

साइबर क्राइम पर लगाम लगाने के लिए दूरसंचार विभाग ने कई कदम उठाए हैं. लोगों को शिकार बनाने के लिए एसएमएस भेजने में शामिल 52 प्रमुख संस्थाओं को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है. 700 एसएमएस सामग्री टेम्पलेट बंद कर दिए गए हैं.348 मोबाइल हैंडसेट ब्लैकलिस्ट किए हैं. 10 हजार 834 संदिग्ध मोबाइल नंबरों को वेरिफिकेशन के लिए चिह्नित किया गया, जिसके बाद 8272 कनेक्शन काट दिए गए. साइबर अपराध और ठगी में शामिल होने के मामले में देश में 1.86 लाख मोबाइल हैंडसेट ब्लॉक किए गए हैं.एनसीआरपी (राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल) पर साइबर ठगी की बड़ी संख्या में शिकायतें दर्ज हो रही हैं. अक्सर ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिसमें ठग खुद को पुलिस अधिकारी, CBI, नारकोटिक्स विभाग, रिजर्व बैंक, ईडी और अन्य एजेंसियां से बताकर लोगों को शिकार बना रहे हैं. ये धोखेबाज आमतौर पर किसी पीड़ित को कॉल करते हैं और कहते हैं कि उसने कोई पार्सल भेजा या रिसीव किया है, जिसमें अवैध सामान, ड्रग्स, नकली पासपोर्ट या कोई प्रतिबंधित वस्तु है.

इस तरह पीड़ित को करते हैं मजबूर

इसके बाद केस में समझौता करने के लिए पैसे की मांग करते हैं. कुछ मामलों में पीड़ितों को डिजिटल अरेस्ट का सामना करना पड़ता है. उनकी मांग पूरी न होने तक पीड़ित को स्काइप या अन्य वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म पर बने रहने पर मजबूर किया जाता है. ये जालसाज पुलिस स्टेशनों और सरकारी कार्यालयों की तर्ज पर बनाए गए स्टूडियो का उपयोग करने में माहिर होते हैं. असली दिखने के लिए वर्दी पहनते हैं.

1,000 से अधिक स्काइप आईडी ब्लॉक

देशभर में कई पीड़ितों ने ऐसे अपराधियों के जाल में फंसकर बड़ी मात्रा में धन गंवाया है. यह एक संगठित ऑनलाइन आर्थिक अपराध है. ऐसा माना जाता है कि इसे सीमा पार आपराधिक सिंडिकेट द्वारा संचालित किया जाता है. I4C (भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र) ने माइक्रोसॉफ्ट के सहयोग से ऐसी गतिविधियों में शामिल 1,000 से अधिक स्काइप आईडी को भी ब्लॉक कर दिया है. यह धोखेबाजों द्वारा उपयोग किए जाने वाले सिम कार्ड, मोबाइल उपकरणों और म्यूल खातों को ब्लॉक करने में भी मदद कर रहा है.

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