कनिष्ठ अभियंता भर्ती परीक्षा- 2020 के पेपर लीक मामले में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप लगातार नित नए खुलासे कर रही है। पेपर लीक मामले में एक के बाद एक कर गिरोह के तार तोड़कर अब तक एसओजी 32 लोगों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा चुकी है।
इस मामले में एसओजी को अभी भी करीब 100 से ज्यादा बदमाशों की तलाश कर रही है। लगातार एसओजी गिरोह के इन लोगों की तलाश में छापामारी कर रही है। जैसे-जैसे पकड़े गए लोगों से जानकारी सामने आ रही है वैसे-वैसे अपराधियों की संख्या बढ़ती जा रही है।
एडिशनल एसपी बजरंग सिंह शेखावत ने बताया कि आरोपित जगदीश विश्नोई सभी बदमाशों का गुरू निकला। वह बड़ी संख्या में लोगों को नौकरी लगवा चुका है और 10 लाख रुपये में पेपर खरीदकर लाखों रुपये कमा चुका है। पेपर लीक मामले में अब तक इस मामले में करीब तीन दर्जन लोग पकड़े जा चुके है और 100 ज्यादा लोगों की एसओजी को तलाश है। बीस फरवरी को गिरफ्तार हुए राजेंद्र व शिवरतन मोठ की निशानदेही पर एसओजी ने गुरुवार को अरेस्ट पेपर लीक गिरोह के गुरु जगदीश विश्नोई से पूछताछ में सामने आया कि वह 2005 से पेपर लीक गिरोह से जुड़ा है। उसने बताया कि 19 साल में वह प्रदेश की न जाने कितनी परीक्षाओं के पर्चे लीक करवा चुका है, उसे खुद भी याद नहीं है। पेपर लीक गैंग माफिया नेटवर्क मार्केटिंग की तरह काम करते है। कुछ साल के अनुभव के बाद अपने गुर्गों को जोड़कर अलग गैंग बना लेते हैं। राजेंद्र और हर्षवर्धन ऐसे ही गैंग चला रहे हैं।
पूछताछ में जगदीश ने बताया कि पेपर लीक करवाने के बाद उसी दिन वे प्रदेश छोड़कर दूसरे राज्यों में चले जाते थे। जगदीश ने श्रीगंगानगर निवासी शिवरतन मोठ और पंकज चौधरी उर्फ यूनिक भामू को अपना खास गुर्गा बना रखा था। ये दोनों जगदीश से पेपर लेकर आगे बेचते थे। दोनों की अपनी खुद की भी गैंग थी। 20 फरवरी को शिवरतन की गिरफ्तारी के बाद यूनिक दुबई फरार हो गया। उसकी धरपकड़ के प्रयास जारी है।
शेखावत ने बताया कि आरोपित प्रिंटिंग प्रेस से ही कर्मचारियों से पेपर लीक कराता था। वहां सख्ती होने पर उसने स्कूलों के स्ट्रॉन्ग रूम से स्टाफ को मोटा पैसा देकर पेपर लीक करवाना शुरू कर दिया। इसी दौरान 2010 से वह शिक्षक राजेंद्र कुमार यादव से जुड़ा। दोनों इतने शातिर हैं कि कभी खुद के फोन से नहीं, गैंग में शामिल गुर्गों के फोन से बात किया करते थे। बताया जा रहा है कि गैंग के सदस्यों के पास करोड़ों की संपत्ति है। महज 60 हजार रुपये तनख्वाह पाने वाला राजेंद्र के श्यामनगर में 13 फ्लैट बताए जा रहे हैं। 3.5 करोड़ कीमत के झोटवाड़ा में 2 मकान और वहीं ज्वेलरी की दुकान भी है। 200 फीट बाईपास पर एक करोड़ का भूखंड। हरनाथपुरा में 500 वर्गगज का मकान, करधनी में दो मकान और भैंसों का बाड़ा। जीणमाता नगर में पानी बेचने के लिए बोरिंग, गोकुलपुरा करधनी में दो प्लॉट।
एसओजी ने राजेंद्र के खातीपुरा स्थित सरकारी स्कूल सहित 3 स्कूलों, एक कॉलेज व 4 मकानों पर छापे मारे। यहां से सैंकड़ों मार्कशीट की फोटो कॉपी, प्रश्न-पत्र, आरपीएससी की उप निरीक्षक और प्लाटून कमाण्डर परीक्षा-2021 की साक्षात्कार सूची, महिला सुपरवाइजर, लैब असिस्टेंट, कृषि अन्वेषक भर्ती के सफल अभ्यर्थियों की सूची, ओएमआर शीट की फोटो प्रतियां, लिपिक भर्ती परीक्षा-2018 के पेपर व उत्तर-कुंजी की फोटो प्रतियां मिली हैं। एसओजी 3 स्कूलों में 3 सहयोगी गोपाल, अर्जुन, वीरेंद्र की भी जांच कर रही है।
हर्षवर्धन के चार ठिकानों पर एसओजी टीम ने छापे मारे हैं। हर्षवर्धन के जगतपुरा में एसकेआईटी कॉलेज के पास एक बंगले (पर्ल विला डी-13) को सील कर दिया गया है। दौसा में गोवर्धन वाटिका में 1100, 1000 और 200 गज के प्लॉट मिले हैं, जिनकी कीमत दो करोड़ से ज्यादा है। हर्षवर्धन के पास से क्रेटा कार, भाई के नाम 50 लाख रुपए का टेंट हाउस, पत्नी सरिता के नाम एक्सिस बैंक में लॉकर व खाता मिला है। इसके अलावा छापेमारी में कई प्रतियोगी परीक्षाओं में चयनित अभ्यर्थियों की सूची व एडमिट कार्ड बरामद हुए हैं।