लोगसभा चुनाव की तारीखों के सामने आने के बाद से ही सियासी हलचल शुरू हो चुकी है. देश में राजनीतिक पार्टियों में चुनाव को लेकर तैयारी जोरे पर है और मौजूदा सरकार को घेरने का कोई भी मौका नहीं छोड़ना चाहता.
पश्चिम बंगाल की सियासत से सभी वाकिफ है. चुनाव आयोग ने भी प्रसाशन को प्रदेश में हिंसा मुक्त चुनाव कराने की हिदायत दी है. सोमवार को पश्चिम बंगाल पुलिस से चुनाव आयोग ने सख्त निर्देश दिए हैं.
तृणमूल कांग्रेस ने सोमवार को निर्वाचन आयोग से शिकायत की कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनाव प्रचार के लिए केंद्र सरकार के धन का उपयोग करके आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है. गौरतलब है कि सोमवार को ही चुनाव आयोग ने प्रसाशन को उन लोगों की सूची बनाने को कहा, जिनके खिलाफ पिछले चुनावों के दौरान बूथ कब्जा कर लेने और गलत तरीके से मतदान करने की शिकायतें दर्ज की गई थीं. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
टीएमसी के नेता एवं राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ’ब्रायन ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को संबोधित एक पत्र में कहा कि मोदी की सरकार के कार्यक्रमों पर प्रकाश डालने वाला प्रधानमंत्री का एक संदेश आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद 16 मार्च को मतदाताओं तक पहुंचा. टीएमसी नेता ने आरोप लगाया कि मोदी ने 15 मार्च को मतदाताओं को कथित रूप से संदेश एक पत्र के रूप में लिखा.
उन्होंने निर्वाचन आयोग से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि भाजपा और उसके उम्मीदवार मोदी को ”भविष्य में प्रचार अभियानों में सरकारी खजाने का उपयोग नहीं करने और पत्र वापस लेने के लिए उचित निर्देश जारी किए जाएं….”