केजरीवाल को मिली राहत विशेषाधिकार नहीं, अंतरिम जमानत देते हुए SC ने किया साफ

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देना राजनेताओं को विशेषाधिकार या विशेष दर्जा देने के समान नहीं होगा। खासकर, तब जब केजरीवाल का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और वह समाज के लिए खतरा नहीं हैं।पीठ ने कहा, ‘अंतरिम जमानत देने की शक्ति का प्रयोग आमतौर पर कई मामलों में किया जाता है। प्रत्येक मामले के तथ्यों के आधार पर अंतरिम जमानत दी जाती है। केजरीवाल का यह मामला कोई अपवाद नहीं है।’ शीर्ष अदालत ने कहा है कि हम केजरीवाल को इसलिए अंतरिम जमानत पर रिहा कर रहे हैं, क्योंकि गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर हमारे लिए या तो दलीलें पूरी करना या अंतिम निर्णय सुनाना संभव नहीं है।हालांकि, एक हस्तक्षेपकारी कारक है, जिसने हमें वर्तमान आदेश पर विचार करने और पारित करने के लिए प्रेरित किया है। देश में आम चुनाव हो रहा है और गिरफ्तारी के खिलाफ अपील हमारे समक्ष लंबित है। ऐसे में हमें नहीं लगता कि सीएम को अंतरिम जमानत/रिहाई के लिए विशेष अदालत जाने का निर्देश देना उचित होगा।पीठ ने कहा, हम आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी और उन्हें चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम राहत देने के सवाल की तुलना फसलों की कटाई या कंपनी चलाने की दलील से नहीं कर सकते।

लोकतंत्र और सत्य एक बार फिर जीता आप

सुप्रीम कोर्ट द्वारा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दिए जाने को आम आदमी पार्टी ने लोकतंत्र व सत्य की जीत बताया है। फैसले के बाद पार्टी के मंत्रियों और प्रवक्ताओं ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस की, जिसमें मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने लोकतंत्र से मोहब्बत करने वाले लोगों के दिलों में उम्मीद की किरण जगाई है।उन्होंने कहा कि बिना किसी साक्ष्य के मुख्यमंत्री को जेल में डाला गया। अंतरिम जमानत से साफ हो गया कि लोगों में एक उम्मीद की किरण जगी है। हम इस फैसले के लिए सर्वोच्च न्यायालय का धन्यवाद करना चाहते हैं। पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी ने कहा कि इस फैसले से लोकतंत्र और संविधान की जीत हुई है। कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पीएमएलए जैसे मामले में केंद्र सरकार मुख्यमंत्री को जेल में रखना चाह रही थी। ऐसे मामलों में लोगों को लंबे समय जेल में रखा गया, लेकिन 40 दिन में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिलना किसी बड़े चमत्कार से कम नहीं है।

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