मजदूरी के पैसे तक छीन लेते थे, संदेशखाली में टीएमसी नेता के जुल्म की कहानियां; जांच आयोग भी हैरान

संदेशखाली में शेख शाहजहां और उसके साथियों के जुल्म की तमाम कहानियां सामने आ रही हैं। वहां पर जांच के लिए पहुंची टीम ने इसका ब्यौरा दर्ज किया है। इसके मुताबिक टीएमसी को वोट नहीं देने पर इन लोगों ने यहां पर आदिवासी समुदाय को प्रताड़ित किया था।

सिर्फ इतना ही नहीं, इन लोगों की मनरेगा की मजदूरी भी जबर्दस्ती छीन ली गई थी। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की जांच के दौरान यह बातें सामने आई हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, शिकायतकर्ताओं ने यह आरोप भी लगाया है कि पुलिस शाहजहां और उसके सहयोगियों को बचाती थी।

जमीन हड़पने की शिकायतें
तीन सदस्यीय एनसीएसटी टीम का नेतृत्व करने वाले उपाध्यक्ष अनंत नायक ने कहा कि आयोग को आदिवासी महिलाओं के यौन उत्पीड़न और शाहजहां और उसके सहयोगियों द्वारा जमीन हड़पने की 50 से अधिक शिकायतें मिली हैं। नायक ने कहाकि यहां की बातें सुनकर वह हैरान हैं। उन्होंने देशभर में कभी ऐसा कुछ नहीं देखा है। उन्होंने बताया कि जिसकी मनरेगा की कमाई खत्म हो जाती थी, उन्हें सूद पर पैसे लेकर देने पर बाध्य किया जाता था। नायक ने यह भी बताया कि यहां पर पीड़ितों में हिंदुओं की संख्या काफी ज्यादा है। गौरतलब है कि आठ फरवरी से संदेशखाली में विरोध प्रदर्शन काफी तेज हैं। शाहजहां की गिरफ्तारी की मांग को लेकर महिलाएं लगातार प्रदर्शन कर रही हैं।

पुलिस भी नहीं सुनती थी शिकायत
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग को यह भी पता चला है कि शाहजहां और उसके सहयोगी स्थानीय महिलाओं को देर रात मीटिंग के लिए बुलाते थे। इस दौरान उनकी मांग पूरी न करने वालों को प्रताड़ित किया जाता था। अगर पीड़ित पुलिस के पास जाते थे तो उनकी शिकायत सुनी नहीं जाती थी। पुलिस वाले उनसे कहते थे कि वह शाहजहां के साथ समझौता कर लें। आयोग के अध्यक्ष के मुताबिक पुलिस भी इस मामले में आरोपियों का ही साथ देती थी। शिकायत में यह भी बताया गया है कि आरोपी आदिवासी परिवारों को अपने खेत देने पर मजबूर कर देते थे। अगर कोई विरोध करता था तो उसके खेतों में नमक का पानी छोड़ दिया जाता था। नायक ने बताया कि शाहजहां और उसके सहयोगियों ने आदिवासी और गैर आदिवासी को मिलाकर करीब 10 किलोमीटर तक के इलाके को कब्जे में ले रखा था।

थम नहीं रहे विरोध प्रदर्शन
इस बीच संदेशखाली में विरोध प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। महिलाएं लगातार फरार टीएमसी नेता शेख शाहजहां की गिरफ्तारी की मांग कर रही हैं। यहां तक कि उस मछली फार्म में भी आग लगा दी गई, जिसके बारे में कहा जाता है कि वह शाहजहां के भाई का है। इस बीच वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने उत्तर 24 परगना गांव का दौरा किया। पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार ने लोगों से कानून अपने हाथ में नहीं लेने का आग्रह किया। सात फरवरी से इलाके में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं और स्थानीय लोग फरार तृणमूल नेता और उनके सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उन पर यौन शोषण और जमीन हथियाने का आरोप लगा रहे हैं।

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