दिल्ली पुलिस ने मंडोली इलाके में नकली सिक्के बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है. इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों आकाश राठौर और सर्वेश यादव को गिरफ्तार किया है. पुलिस का कहना है, दोनों आरोपी दिल्ली के मंडोली इलाके में इस फैक्ट्री को चला रहे थे और दिल्ली की अलग-अलग इलाकों में अपने संपर्कों के जरिए 20 रुपये के लिए नकली सिक्के सप्लाई कर रहे थे.पुलिस के मुताबिक, आरोपी आकाश राठौर ने दिल्ली विश्वविद्यालय से बीकॉम किया फिर उसने साल 2023 में नकली सिक्के बनाने का काम शुरू किया. इसके लिए उसने बाजार से करीब 500 किलो लोहे की सीट ली. इसी बीच आरोपी सर्वेश यादव भी आकाश राठौर के संपर्क में आ गया. फिर उसने आकाश राठौर से नकली सिक्के लेकर बाजार में सप्लाई करना शुरू कर दिया.
‘3 साल में 20 लाख रुपये के सप्लाई की नकली सिक्के’
आकाश राठौर ने इंदौर से बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग किया है और वो पिछले कई सालों से इस धंधे में था. पुलिस दोनों आरोपियों से पूछताछ कर रही है और इस सिंडिकेट के बाकी सदस्यों पता लगाने की कोशिश कर रही है. पिछले 3 सालों में यह लोग करीब 20 लाख रुपये के नकली सिक्के सप्लाई कर चुके हैं. यह कार्रवाई दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने की है.
‘1 लाख 60 हजार रुपये की नकली सिक्के बरामद’
एक सूचना के आधार पर सबसे पहले बुराड़ी इलाके से दोनों आरोपियों को पकड़ा गया और उनके पास से 1 लाख 60 हजार रुपये की नकली सिक्के बरामद हुए. इसके बाद उनकी निशानदेही पर शाहदरा के पास मंडोली के फैक्ट्री रेड की गई. वहां पर सिक्के बनाने की मशीन बरामद हुई. इसके अलावा सिक्के बनाने वाली लोहे की सीट बरामद हुई.
नकली सिक्के बनाने वाली मशीन.
मामले में DCP ने कही ये बात
स्पेशल सेल के डीसीपी मनोज सी ने बताया कि बरामद नकली सिक्के देखने में असली सिक्कों की तरह लग रहे हैं, लेकिन इनका वजन थोड़ा कम है. इनमें चमक भी थोड़ी कम है और साथ में जो राष्ट्रीय चिन्ह बना हुआ है वह भी थोड़ा धुंधला है. लेकिन बाकी यह सिक्के बिल्कुल असली सिक्कों की तरह लग रहे हैं और बाजार में इनको पहचान पाना मुश्किल है. यानी कि नकली और असली में फर्क कर पाना काफी मुश्किल है.