उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में गुरुवार की दोपहर इंजीनियरिंग फैकल्टी के सामने होली खेल रहे छात्रों पर हमला कर उनके साथ जमकर मारपीट की गई। इस विवाद को लेकर आज स्टूडेंट्स के एक धड़े ने क्लासेज का बहिष्कार किया और यूनिवर्सिटी के मेन गेट पर धरना प्रदर्शन किया।साथ ही, उन्होंने 10 छात्रों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की भी मांग की।
प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने एएमयू के मेन गेट पर शुक्रवार की नमाज अदा की और कहा कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती, उनका धरना-प्रदर्शन और कक्षाओं का बहिष्कार जारी रहेगा। विवाद के बाद पुलिस ने एक शिकायत के आधार पर 10 छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की। जिन लोगों पर मामला दर्ज किया गया उनमें मिस्बाह कैसर, जकीरुर रहमान, जैद शेरवानी, शाहरुख शाबरी, शोएब कुरेशी, अहमद मुस्तफा, अफाक शेरवानी, शाहबाज खान, फैसल त्यागी और अरमान सिद्दीकी शामिल हैं। यह शिकायत एएमयू में पोस्ट-ग्रेजुएशन छात्र आदित्य प्रताप सिंह ने दर्ज कराई है।
अभी तक नहीं हुई गिरफ्तारी
पुलिस ने इन लोगों को पकड़ने के लिए एएमयू हॉस्टल पर छापा मारा। लेकिन मामले में अभी तक कोई भी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। एएमयू गेट के बाहर भी भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। सब-इंस्पेक्टर अमृत जैन ने कहा कि परिसर के बाहर तैनात पुलिस बल को निर्देश दिए गए हैं कि अगर प्रदर्शनकारी छात्र शांति को भंग करने की कोशिश करें तो उनके खिलाफ एक्शन लेने से गुरेज ना करें।
क्यों हुआ विवाद?
शिकायत करने वाले छात्र आदित्य प्रताप सिंह ने कहा कि हम पार्क में इकट्ठा हुए थे और होली मनाना शुरू कर रहे थे, तब ही दर्जनों मुस्लिम छात्र लाठी-डंडे लेकर हमारी ओर दौड़े और कहा कि अगर हम परिसर में होली मनाना चाहते हैं, तो हमें उन्हें हर महीने 1,000 रुपये देने होंगे। इसके बाद उन्होंने हमें पीटा और कैंपस के बाहर खदेड़ दिया। इसी बीच एएमयू प्रशासन ने बयान जारी कर कहा है कि परिसर के भीतर किसी भी समूह के लिए अपने संबंधित त्योहार मनाने पर कोई पाबंदी नहीं है।
एएमयू के प्रॉक्टर ने क्या कहा
किसी भी ग्रुप को अपने त्योहार मनाने के लिए किसी से इजाजत लेने की जरूरत नहीं है। एएमयू के प्रॉक्टर मोहम्मद वसीम अली ने कहा कि मुझे छात्रों के एक ग्रुप से शिकायत मिली थी और मैंने तुरंत इसे सिविल लाइंस थाने में भेज दिया। छात्र गुटों के बीच मारपीट के मामले में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी जो सबूत मांगेंगे, उन्हें उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि कई सालों से एएमयू जाति, समुदाय और धर्म के आधार पर कोई भी पक्षपातपूर्ण व्यवहार नहीं करता है। यहां पर सभी धर्मों को समान रूप से तवज्जो दी जाती है।